सिस्टम समाचार:-सन्दीप राणा की रिपोर्ट:-
(पहलवान प्रवीन सोलंकी)
हमारे देश में प्रतिभाओ की कमी नही है बस जरूरत है उन्हें पहचानने की। देश में कई ऐसी प्रतिभाएं हैं जिसमें देश का नाम रोशन करने वालो का जज़्बा देखते ही बनता है। देश की राजधानी दिल्ली में ऐसा ही नज़ारा देखने को मिला जहाँ दिल्ली के बवाना रोड़ पर स्थित श्री कृष्ण गौशाला में 8800 किलोग्राम के क्रशर ट्रक को एक पहलवान ने अपनी ताकत से एक लंबी दूरी तक खींचा जिसे देखने सैकड़ो की तादात में लोग मोजूद रहे।
(कर्सर ट्रक)
कहते हैं कोशिश करने वालों की हार नहीं होती, और कुछ ऐसा ही कारनामा दिल्ली के एक युवा पहलवान ने कर दिखाया। जिसने ना केवल अपने हौसले की ताकत दिखाई बल्कि अपने ही कई रिकॉर्ड को तोड़ते हए नया कारनामा कर दिखाया। इसके साथ ही यह शख्स आगे नई चुनौतियों और नए रिकॉर्ड बनाने की तैयारियों में जुट गए हैं।
दरअसल इस पहलवान का नाम है प्रवीण सौलंकी जिसने 8800 किलोग्राम के भारी भरकम वाले वजन के क्रशर ट्रक को अपनी ताकत से खींच कर नया कारनामा कर दिखाया। इस 8800 किलोग्राम के इस विशाल क्रशर ट्रक को प्रवीण सौलंकी ने अपनी ताकत से खीचा और अपने नाम एक ओर कीर्तिमान स्थापित किया। गौरतलब है कि प्रवीण सौलंकी एशियन गेम्स में सिल्वर मैडल अपने नाम कर चुके है और इससे पहले भी वह 6 हजार, 8 हज़ार, 11 हज़ार और 13 हजार किलोग्राम वजन खीच चुके है। वहीं उनका अगला पड़ाव ट्रैन का इंजन और हवाई जहाज को खींचने का कीर्तिमान बनाने का उद्देश्य है जिसे वह लाखो लोगो की मोजूदगी में बनाना चाहते है।
इस दौरान प्रवीन ने सरकार से अपील करते हुए कहा कि हमारे देश में कई प्रतिभाएं हैं, लेकिन उनको सही राह और मार्गदर्शन नहीं मिल पाता, इसलिए सरकार को चाहिए कि वह लोगों के लिए अवसर प्रदान करें। साथ उन्होने कहा कि कई लोग वित्तीय सहायता ना मिल पाने के कारण भी पीछे रह जाते हैं इसलिए सरकार को ऐसी व्यवस्था बनानी चाहिए कि एक गरीब परिवार का व्यक्ति भी आगे आ सके।
प्रवीन सोलंकी ने कहा कि एक एथलिट एक खिलाड़ी सम्मान का भूखा होता है, इससे ना केवल एक खिलाड़ी का हौसला बढ़ता है बल्कि वह देश का नाम भी रोशन करता है। इसलिए सरकार को चाहिए कि वह समय समय पर ऐसे लोगों का सम्मान भी करे। इस मौके पर क्षेत्र के कई नामी लोग भी पहुँचें और प्रवीण सौलंकी को इस नये कीर्तिमान बनाने के लिए बधाई दी। अब देखने वाली बात यह होगी कि प्रवीण अपना अगला कीर्तिमान कब खिंचकर अपनी ताकत का लोहा मनवाते है।
SANDEEP RANA DELHI.